भो शंभो शिव शंभो

भो शम्भो शिव शम्भो स्वयंभो
गङ्गाधर शङ्कर करुणाकर मामव भवसागरतारक
निर्गुणपरब्रह्मस्वरूप गमागमभूत प्रपञ्चरहित
निजगुणनिहित नितान्त अनन्त
आनन्द अतिशय अक्षयलिङ्ग
धिमित धिमित धिमि धिमि किट किट तों
तों तों तरिकिट तरिकिट किट तों
मतङ्गमुनिवरवन्दित-ईश सर्वदिगम्बरवेष्टितवेष
नित्य निरञ्जन नित्यनटेश ईश सभेश सर्वेश

 

Bho Shambho By Saranya Srinivas

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

31.1K

Comments

G6zuf

Other stotras

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |