न वदति साधुः करोत्येव

शरदि न वर्षति गर्जति वर्षति वर्षासु निःस्वनो मेघः ।
नीचो वदति न कुरुते न वदति साधुः करोत्येव ।।

ठंड के मौसम में मेघ बस गरजता है और बरसता बिलकुल नहीं है । बारिश के मौसम में बिन गरजे मेघ सिर्फ बरसता है । इस प्रकार नीच लोग सिर्फ बोलते रहते हैं और कभी कार्य नहीं करते । साधुजन बोलते नहीं, बस कार्य करते रहते हैं ।

 

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🌹🌹🌹🌹🌹 വളരെ നല്ലത് -User_sci1ab
Thank you Replied by Vedadhara

very good -User_scr5d2

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गन्धमादन पर्वत कहां है?

गंधमादन वह पर्वत है जहाँ बदरिकाश्रम और नर-नारायण आश्रम स्थित हैं। (महाभारत.वनपर्व.141.22-23)

क्या हनुमान जी जिन्दा हैं?

हां। हनुमानजी अभी भी जीवित हैं। अधिकांश समय, वे गंधमादन पर्वत के शीर्ष पर तपस्या करते रहते हैं। श्रीराम जी का अवतार २४ वें त्रेतायुग में था। लगभग १.७५ करोड़ वर्ष बाद वर्तमान (२८वें) चतुर्युग के द्वापर युग में भीम उनसे तब मिले जब वे सौगंधिक के फूल लेने जा रहे थे। हनुमान जी आठ चिरंजीवियों में से एक हैं। वे इस कल्प के अंत तक रहेंगे जो २,३५,९१,४६,८७७ वर्ष दूर है।

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