यदि सन्ति गुणाः पुंसाम्

यदि सन्ति गुणाः पुंसां विकसन्त्येव ते स्वयम् |
नहि कस्तूरिकामोदः शपथेन विभाव्यते ||

 

यदि किसी मनुष्य में अच्छा गुण है तो वह अपने आप ही फैल जाता है | उस को हमें प्रचार करने की आवश्यकता नहीं हैं | कस्तूरी के सुगंध को तो सब जानते हैं | उस को सिद्ध और उस का प्रचार नहीं करना पडता | उसी प्रकार अच्छे गुण वाले मनुष्य स्वयं ही सिद्ध और प्रकाशित हो जाएंगे |

 

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❤️❤️ -यदि सन्ति गुणाः पुंसाम्

🙏 -User_scrfd9

सही बात! -पवन कुमार

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कर्म के अनुसार ही अनुभव

कोई भी अनुभव बिना कारण का नहीं होता। श्रीराम जी मानते थे कि कौसल्या माता ने पूर्व जन्म में किसी माता के अपने पुत्र से वियोग करवाया होगा। इसलिए उनको इस जन्म में पुत्र वियोग सहना पडा।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग कौन से राज्य में स्थित है?

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर स्थित है।

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