विपदि धैर्यमथाभ्युदये क्षमा

विपदि धैर्यमथाभ्युदये क्षमा
सदसि वाक्पटुता युधि विक्रमः |
यशसि चाभिरुचिर्व्यसनं श्रुतौ
प्रकृतिसिद्धमिदं हि महात्मनाम् ||

विपदाओं के आने पर धैर्य, समुन्नति के आने पर क्षमा, सभा में वाक्पटुता, युद्ध होने पर पराक्रम, यश में रुचि और वेदों में आसक्ति - ये गुण अपने आप ही महात्माओं में होते हैं |

 

 

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xrryk

Who wrote Bhakti Ratnavali?

Bhakti Ratnavali was written by Vishnu Puri of Mithila under instruction from Chaitanya Mahaprabhu. It is a collection of all verses pertaining to bhakti from Srimad Bhagavata.

मकर संक्रांति के दौरान हम तिल और गुड़ क्यों खाते हैं?

सूर्य देव के श्राप से निर्धन होकर शनि देव अपनी मां छाया देवी के साथ रहते थे। सूर्य देव उनसे मिलने आये। वह मकर संक्रांति का दिन था। शनि देव के पास तिल और गुड के सिवा और कुछ नहीं था। उन्होंने तिल और गुड समर्पित करके सूर्य देव को प्रसन्न किया। इसलिए हम भी प्रसाद के रूप में उस दिन तिल और गुड खाते हैं।

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