तथात्मा गुणदोषयोः

आरोप्यते शिला शैले यत्नेन महता यथा |
पात्यते तु क्षणेनाधस्तथात्मा गुणदोषयोः ||

 

जिस प्रकार एक पर्वत के ऊपर एक बडे पत्थर को लेकर जाना कठिन है वैसे ही अपने आप में एक अच्छे गुण को लेकर आना भी कठिन होता है | इस के लिए हमें बहुत प्रयत्न करना पडता है | और अपने आप में एक दोष को लेकर आना तो इतना आसान होता है जैसा एक पत्थर को पर्वत के शिखर से धक्का देकर नीचे गिराना | इस के लिए कोई प्रयत्न नहीं लगता | इस लिए प्रयत्न करते हुए अपने आप में अच्छे गुणों का अभिवर्धन करें |

 

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बादरायण कौन है ?

बादरायण वेद व्यास जी का नाम है ।

रेवती नक्षत्र का उपचार और उपाय क्या है?

जन्म से बारहवां दिन या छः महीने के बाद रेवती नक्षत्र गंडांत शांति कर सकते हैं। संकल्प- ममाऽस्य शिशोः रेवत्यश्विनीसन्ध्यात्मकगंडांतजनन सूचितसर्वारिष्टनिरसनद्वारा श्रीपरमेश्वरप्रीत्यर्थं नक्षत्रगंडांतशान्तिं करिष्ये। कांस्य पात्र में दूध भरकर उसके ऊपर शंख और चन्द्र प्रतिमा स्थापित किया जाता है और विधिवत पुजा की जाती है। १००० बार ओंकार का जाप होता है। एक कलश में बृहस्पति की प्रतिमा में वागीश्वर का आवाहन और पूजन होता है। चार कलशों में जल भरकर उनमें क्रमेण कुंकुंम, चन्दन, कुष्ठ और गोरोचन मिलाकर वरुण का आवाहन और पूजन होता है। नवग्रहों का आवाहन करके ग्रहमख किया जाता है। पूजा हो जाने पर सहस्राक्षेण.. इस ऋचा से और अन्य मंत्रों से शिशु का अभिषेक करके दक्षिणा, दान इत्यादि किया जाता है।

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काजला देवी किसका नाम है ?
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