आरोप्यते शिला शैले यत्नेन महता यथा |
पात्यते तु क्षणेनाधस्तथात्मा गुणदोषयोः ||
जिस प्रकार एक पर्वत के ऊपर एक बडे पत्थर को लेकर जाना कठिन है वैसे ही अपने आप में एक अच्छे गुण को लेकर आना भी कठिन होता है | इस के लिए हमें बहुत प्रयत्न करना पडता है | और अपने आप में एक दोष को लेकर आना तो इतना आसान होता है जैसा एक पत्थर को पर्वत के शिखर से धक्का देकर नीचे गिराना | इस के लिए कोई प्रयत्न नहीं लगता | इस लिए प्रयत्न करते हुए अपने आप में अच्छे गुणों का अभिवर्धन करें |
श्रीकृष्ण के संग पाने के लिए श्री राधारानी की सेवा, वृन्दावन की सेवा और भगवान के भक्तों की सेवा अत्यन्त आवश्यक हैं। इनको किए बिना श्री राधामाधव को पाना केवल दुराशा मात्र है।
ॐ रोहणी रुद्राक्षी मनकरिन्द्री नमः । रुद्राक्षीयायां गंड संसारं पारवितं फूल माला जडयायामी जयमीस्यामी जमीस्यामी प्रलानी प्रलानी नमः । रुद्राक्षी बुटी सफलं करीयामी मूर मूरगामी यशस्वी स्वः । ज्या बूटी मोरी वाणी बुंटी दामिनी दामिमि स्वः । रमणी रमणी नमः नमः । इस मंत्र से रुद्राक्ष अभिमंत्रित करने से वह सिद्ध हो जाता है ।
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