न वदति साधुः करोत्येव

शरदि न वर्षति गर्जति वर्षति वर्षासु निःस्वनो मेघः ।
नीचो वदति न कुरुते न वदति साधुः करोत्येव ।।

ठंड के मौसम में मेघ बस गरजता है और बरसता बिलकुल नहीं है । बारिश के मौसम में बिन गरजे मेघ सिर्फ बरसता है । इस प्रकार नीच लोग सिर्फ बोलते रहते हैं और कभी कार्य नहीं करते । साधुजन बोलते नहीं, बस कार्य करते रहते हैं ।

 

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