सन्नद्धसिंहस्कन्धस्थां स्वर्णवर्णां मनोरमाम्।
पूर्णेन्दुवदनां दुर्गां वर्णयामि गुणार्णवाम्।
किरीटहारगेरैवेयनूपुराङ्गदकङ्कणैः।
रत्नकाञ्च्या रत्नचित्रकुचकञ्चुकतेजसा।
विराजमाना रुचिराम्बरा किङ्किणिमण्डिता।
रत्नमेखलया रत्नवासोपरिविभूषिता।
वीरशृङ्खलया शोभिचारुपादसरोरुहा।
रत्नचित्राङ्गुलीमुद्रारत्नकुण्डलमण्डिता।
विचित्रचूडामणिना रत्नोद्यत्तिलकेन च।
अनर्घ्यनासामणिना शोभितास्यसरोरुहा।
भुजवीर्या रत्नचित्रकण्ठसूत्रेण चाङ्किता।
पद्माक्षिणी सुबिम्बोष्ठी पद्मगर्भादिभिः स्तुता।
कबरीभारविन्यस्तपुष्पस्तबकविस्तरा।
कर्णनीलोत्पलरुचा लसद्भूमण्डलत्विषा।
कुन्तलानां च सन्तत्या शोभमाना शुभप्रदा।
तनुमध्या विशालोरःस्थला पृथुनितम्बिनी।
चारुदीर्घभुजा कम्बुग्रीवा जङ्घायुगप्रभा।
असिचर्मगदाशूलधनुर्बाणाङ्कुशादिना।
वराभयाभ्यां चक्रेण शङ्खेन च लसत्करा।
दंष्ट्राग्रभीषणास्योत्थहुङ्कारार्द्दितदानवा।
भयङ्करी सुरारीणां सुराणामभयङ्करी।
मुकुन्दकिङ्करी विष्णुभक्तानां मौक्तशङ्करी।
सुरस्त्री किङ्करीभिश्च वृता क्षेमङ्करी च नः।
आदौ मुखोद्गीतनानाम्नाया सर्गकरी पुनः।
निसर्गमुक्ता भक्तानां त्रिवर्गफलदायिनी।
निशुम्भशुम्भसंहर्त्री महिषासुरमर्द्दिनी।
तामसानां तमःप्राप्त्यै मिथ्याज्ञानप्रवर्त्तिका।
तमोभिमाननी पायात् दुर्गा स्वर्गापवर्गदा।
इमं दुर्गास्तवं पुण्यं वादिराजयतीरितम्।
पठन् विजयते शत्रून् मृत्युं दुर्गाणि चोत्तरेत्।
मार्गबन्धु स्तोत्र
शम्भो महादेव देव| शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो| शम्भो महा....
Click here to know more..गंगा मंगल स्तोत्र
मङ्गलं पुण्यगङ्गे ते सहस्रश्लोकसंस्फुरे। सहस्रायुतसत....
Click here to know more..धूमावती मंत्र
धूं धूं धूमावति स्वाहा....
Click here to know more..