राजाराम दशक स्तोत्र

महावीरं शूरं हनूमच्चित्तेशम्।
दृढप्रज्ञं धीरं भजे नित्यं रामम्।
जनानन्दे रम्यं नितान्तं राजेन्द्रम्।
जितामित्रं वीरं भजे नित्यं रामम्।
विशालाक्षं श्रीशं धनुर्हस्तं धुर्यम्।
महोरस्कं धन्यं भजे नित्यं रामम्।
महामायं मुख्यं भविष्णुं भोक्तारम्।
कृपालुं काकुत्स्थं भजे नित्यं रामम्।
गुणश्रेष्ठं कल्प्यं प्रभूतं दुर्ज्ञेयम्।
घनश्यामं पूर्णं भजे नित्यं रामम्।
अनादिं संसेव्यं सदानन्दं सौम्यम्।
निराधारं दक्षं भजे नित्यं रामम्।
महाभूतात्मानं रघोर्गोत्रश्रेष्ठम्।
महाकायं भीमं भजे नित्यं रामम्।
अमृत्युं सर्वज्ञं सतां वेद्यं पूज्यम्।
समात्मानं विष्णुं भजे नित्यं रामम्।
गुरुं धर्मप्रज्ञं श्रुतिज्ञं ब्रह्मण्यम्।
जितक्रोधं सूग्रं भजे नित्यं रामम्।
सुकीर्तिं स्वात्मानं महोदारं भव्यम्।
धरित्रीजाकान्तं भजे नित्यं रामम्।

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

30.0K

Comments

5mqmw

Other stotras

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |