अप्रमेय राम स्तोत्र

नमोऽप्रमेयाय वरप्रदाय
सौम्याय नित्याय रघूत्तमाय।
वीराय धीराय मनोऽपराय
देवाधिदेवाय नमो नमस्ते।
भवाब्धिपोतं भुवनैकनाथं
कृपासमुद्रं शरदिन्दुवासम्।
देवाधिदेवं प्रणतैकबन्धुं
नमामि ओमीश्वरमप्रमेयम्।
अप्रमेयाय देवाय दिव्यमङ्गलमूर्तये।
वरप्रदाय सौम्याय नमः कारुण्यरूपिणे।
आस्थिकार्थितकल्पाय कौस्तुभालङ्कृतोरसे।
ज्ञानशक्त्यादिपूर्णाय देवदेवाय ते नमः।
अप्रमेयाय देवाय मेघश्यामलमूर्तये।
विश्वम्भराय नित्याय नमस्तेऽनन्तशक्तये।
भक्तिवर्धनवासाय पद्मवल्लीप्रियाय च।
अप्रमेयाय देवाय नित्यश्रीनित्यमङ्गलम्।

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

15.4K
1.1K

Comments

n648m

Other stotras

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |