ॐ गणेश्वराय नमः ॐ गणक्रीडाय नमः ॐ महागणपतये नमः ॐ विश्वकर्त्रे नमः ॐ विश्वमुखाय नमः
ॐ दुर्जयाय नमः ॐ धूर्जयाय नमः ॐ जयाय नमः ॐ सुरूपाय नमः ॐ सर्वनेत्राधिवासाय नमः
ॐ वीरासनाश्रयाय नमः ॐ योगाधिपाय नमः ॐ तारकस्थाय नमः ॐ पुरुषाय नमः ॐ गजकर्णकाय नमः
ॐ चित्राङ्गाय नमः ॐ श्यामदशनाय नमः ॐ भालचन्द्राय नमः ॐ चतुर्भुजाय नमः ॐ शम्भुतेजसे नमः
ॐ यज्ञकायाय नमः ॐ सर्वात्मने नमः ॐ सामबृंहिताय नमः ॐ कुलाचलांसाय नमः ॐ व्योमनाभये नमः
ॐ कल्पद्रुमवनालयाय नमः ॐ स्थूलकुक्षये नमः ॐ पीनवक्षये नमः ॐ बृहद्भुजाय नमः ॐ पीनस्कन्धाय नमः
ॐ कंबुकण्ठाय नमः ॐ लम्बोष्ठाय नमः ॐ लम्बनासिकाय नमः ॐ सर्वावयवसंपूर्णाय नमः ॐ सर्वलक्षणलक्षिताय नमः
ॐ इक्षुचापधराय नमः ॐ शूलिने नमः ॐ कान्तिकन्दलिताश्रयाय नमः ॐ अक्षमालाधराय नमः ॐ ज्ञानमुद्रावते नमः
ॐ विजयावहाय नमः ॐ कामिनीकामनाकाममालिनीकेलिलालिताय नमः ॐ अमोघसिद्धये नमः ॐ आधाराय नमः
ॐ आधाराधेयवर्जिताय नमः ॐ इन्दीवरदलश्यामाय नमः ॐ इन्दुमण्डलनिर्मलाय नमः ॐ कर्मसाक्षिणे नमः ॐ कर्मकर्त्रे नमः
ॐ कर्माकर्मफलप्रदाय नमः ॐ कमण्डलुधराय नमः ॐ कल्पाय नमः ॐ कपर्दिने नमः ॐ कटिसूत्रभृते नमः
ॐ कारुण्यदेहाय नमः ॐ कपिलाय नमः ॐ गुह्यागमनिरूपिताय नमः ॐ गुहाशयाय नमः ॐ गुहाब्धिस्थाय नमः
ॐ घटकुम्भाय नमः ॐ घटोदराय नमः ॐ पूर्णानन्दाय नमः ॐ परानन्दाय नमः ॐ धनदाय नमः
ॐ धरणाधराय नमः ॐ बृहत्तमाय नमः ॐ ब्रह्मपराय नमः ॐ ब्रह्मण्याय नमः ॐ ब्रह्मवित्प्रियाय नमः
ॐ भव्याय नमः ॐ भूतालयाय नमः ॐ भोगदात्रे नमः ॐ महामनसे नमः ॐ वरेण्याय नमः
ॐ वामदेवाय नमः ॐ वन्द्याय नमः ॐ वज्रनिवारणाय नमः ॐ विश्वकर्त्रे नमः ॐ विश्वचक्षुषे नमः
ॐ हवनाय नमः ॐ हव्यकव्यभुजे नमः ॐ स्वतन्त्राय नमः ॐ सत्यसङ्कल्पाय नमः ॐ सौभाग्यवर्धनाय नमः
ॐ कीर्तिदाय नमः ॐ शोकहारिणे नमः ॐ त्रिवर्गफलदायकाय नमः ॐ चतुर्बाहवे नमः ॐ चतुर्दन्ताय नमः
ॐ चतुर्थीतिथिसंभवाय नमः ॐ सहस्रशीर्षे पुरुषाय नमः ॐ सहस्राक्षाय नमः ॐ सहस्रपादे नमः ॐ कामरूपाय नमः
ॐ कामगतये नमः ॐ द्विरदाय नमः ॐ द्वीपरक्षकाय नमः ॐ क्षेत्राधिपाय नमः ॐ क्षमाभर्त्रे नमः
ॐ लयस्थाय नमः ॐ लड्डुकप्रियाय नमः ॐ प्रतिवादिमुखस्तम्भाय नमः ॐ शिष्टचित्तप्रसादनाय नमः
ॐ भगवते नमः ॐ भक्तिसुलभाय नमः ॐ याज्ञिकाय नमः ॐ याजकप्रियाय नमः
गणपति कवच
नमस्तस्मै गणेशाय सर्वविघ्नविनाशिने। कार्यारम्भेषु सर....
Click here to know more..वेदसार दक्षिणामूर्ति स्तुति
वृतसकलमुनीन्द्रं चारुहासं सुरेशं वरजलनिधिसंस्थं शास्....
Click here to know more..अनिष्ट शक्तियों से रक्षा के लिए मंत्र
स्तुवानमग्न आ वह यातुधानं किमीदिनम् । त्वं हि देव वन्दि....
Click here to know more..