संत वाणी - ८

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आज के समय में संतों का क्या महत्व है?

संतों को ज्ञान, मार्गदर्शन और आशा के स्रोत के रूप में देखा जाता है। आज के समय भी संत हमें नैतिकता, करुणा और विश्वास के साथ जीवन जीने का उदाहरण देते हैं। उनकी शिक्षाएं उत्तरोत्तर प्रासंगिक होते जा रहे हैं। वे कठिन समय में भी लचीलापन और विश्वास के साथ जीना सिखाते हैं।

पराशर महर्षि का जन्म कैसे हुआ?

पराशर महर्षि के पिता थे शक्ति और उनकी माता थी अदृश्यन्ती। शक्ति वशिष्ठ के पुत्र थे। वशिष्ठ और विश्वामित्र के बीच चल रहे झगड़े में, एक बार विश्वामित्र ने कल्माषपाद नामक एक राजा को राक्षस बनाया। कल्माषपाद ने शक्ति सहित वशिष्ठ के सभी सौ पुत्रों को खा लिया। उस समय अदृश्यन्ती पहले से ही गर्भवती थी। उन्होंने पराशर महर्षि को वशिष्ठ के आश्रम में जन्म दिया।

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गांगेय कौन है ?

मैं शरीर नहीं हूँ मैं नाम नहीं हूँ ये नाम और रूप मुझमें आरोपित हैं इनसे मेरा वस्तुतः कोई सम्बन्ध नहीं है शरीर के नाश से मेरा कुछ भी नहीं बिगड़ता नाम के अयश से मेरा अयश नहीं होता मैं अमर हूँ अजर हूँ निष्कलङ्क हूँ म....

मैं शरीर नहीं हूँ
मैं नाम नहीं हूँ
ये नाम और रूप मुझमें आरोपित हैं
इनसे मेरा वस्तुतः कोई सम्बन्ध नहीं है
शरीर के नाश से मेरा कुछ भी नहीं बिगड़ता
नाम के अयश से मेरा अयश नहीं होता
मैं अमर हूँ अजर हूँ निष्कलङ्क हूँ
मैं शुद्ध हूँ, सनातन हूँ कभी घटने-बढ़नेवाला नहीं हूँ
शरीर के उपजने से मैं उपजता नहीं
शरीर के नष्ट होने पर मैं नष्ट नहीं होता
मैं नित्य हूँ, असङ्ग हूँ, अव्यय हूँ, अज हूँ
मेरे स्वरूप में कभी कोई अन्तर नहीं पड़ता

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