वज्रकाय सुरश्रेष्ठ चक्राभयकर प्रभो|
वरेण्य श्रीप्रद श्रीमन् नरसिंह नमोऽस्तु ते|
कलात्मन् कमलाकान्त कोटिसूर्यसमच्छवे|
रक्तजिह्व विशालाक्ष तीक्ष्णदंष्ट्र नमोऽस्तु ते|
दीप्तरूप महाज्वाल प्रह्लादवरदायक|
ऊर्ध्वकेश द्विजप्रेष्ठ शत्रुञ्जय नमोऽस्तु ते|
विकट व्याप्तभूलोक निजभक्तसुरक्षक|
मन्त्रमूर्ते सदाचारिविप्रपूज्य नमोऽस्तु ते|
अधोक्षज सुराराध्य सत्यध्वज सुरेश्वर|
देवदेव महाविष्णो जरान्तक नमोऽस्तु ते|
भक्तिसन्तुष्ट शूरात्मन् भूतपाल भयङ्कर|
निरहङ्कार निर्माय तेजोमय नमोऽस्तु ते|
सर्वमङ्गल सर्वेश सर्वारिष्टविनाशन|
वैकुण्ठवास गम्भीर योगीश्वर नमोऽस्तु ते|
गजानन नामावलि स्तोत्र
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