आदौ पाण्डवधार्तराष्ट्रजननं लाक्षागृहे दाहनं
द्यूते श्रीहरणं वने विहरणं मत्स्यालये वर्तनम्।
लीलागोग्रहणं रणे विहरणं सन्धिक्रियाजृम्भणं
पश्चाद्भीष्मसुयोधनादिनिधनं ह्येतन्महाभारतम्।।
संक्षिप्त में महाभारत -
पाण्डवों और कौरवों का जन्म,
लाक्षागृह में पाण्डवों को मारने की कोशिश,
द्यूत क्रीडा में पाण्डवों के द्वारा सब कुछ खोना,
बारह सालों तक पाण्डवों का वनवास,
पाण्डवों के एक साल तक विराट देश में अज्ञातवास,
कौरवों के द्वारा विराट देश से गायों को चोरी करने की कोशिश
और उनका पराजय,
बातचीत द्वारा शांति पाने का प्रयत्न,
कुरुक्षेत्र के युद्ध में भीष्म, दुर्योधन आदियों की मृत्यु।
वसुधैव कुटुम्बकम् गीत
येषामतिशर्मदा सर्वान् प्रति सर्वदा गर्वाद्यतिदूरगा भा....
Click here to know more..देवी आनंद लहरी स्तोत्र
भवानि स्तोतुं त्वां प्रभवति चतुर्भिर्न वदनैः प्रजानामी....
Click here to know more..भगवन्नाम की शक्ति
जब दिव्य नाम लेते लेते भक्त इस अवस्था मे पहुंचता है कि यह ....
Click here to know more..