भगवान विष्णु का भक्त बनना बहुत सरल है

17.4K
1.1K

Comments

a4c3s

मंगल चण्डिका स्तोत्र किसके बारे में है?

मंगल चण्डिका मां दुर्गा का एक स्वरूप है। सबसे पहले महादेव ने मंगल चण्डिका की पूजा की थी, त्रिपुर के युद्ध के समय। देवी त्रिपुर दहन में भगवान की शक्ति बन गई। यह देवी हमेशा १६ वर्ष की होती है और उनका रंग सफेद चंपा के फूल जैसा है। जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह की पीडा हो वे विशेष रूप से मंगल चण्डिकाकी पूजा कर सकते हैं।

सांपों को विष कहां से मिला ?

श्रीमद्भागवत के अनुसार, जब भगवान शिव समुद्र मंथन के दौरान निकले हालाहल विष को पी रहे थे, तो उनके हाथ से थोड़ा सा छलक गया। यह सांपों, अन्य जीवों और जहरीली वनस्पतियों में जहर बन गया।

Quiz

ऊंटों को प्लेग की बीमारी से बचानेवाले रक्षक के रूप में राजस्थान में किस देवता की पूजा होती है ?

आज, हम देखेंगे कि भगवान विष्णु के भक्त बनना कितना सरल और प्रभावी है ।
भक्ति मार्ग में विधियाँ वाकई सरल हैं।
शयनादुत्थितो यस्तु कीर्तयेन्मधुसूदनम्।
कीर्तनात्तस्य पापस्य नाशमायात्यशेषतः ॥
जैसे ही आप सुबह अपने बिस्तर से उठते हैं, वह नारायण या कृष्ण का नाम लेकर करें ।
आपके सभी पापों को नष्ट करने के लिए इतना ही काफी है।
अपने मोबाइल फोन के लिए हाथ बढ़ाने की बजाय, जब आप उठते हैं, तो तुरंत नारायण या कृष्ण का नाम लें ।
पापों को क्यों नष्ट किया जाना चाहिए ?
पाप केवल एक ऐसी चीज नहीं है जो लोगों को नरक में भेजती है।
आपका खुद का पाप ही आपके जीवन में होने वाली हर समस्या के लिए जिम्मेदार है - छोटी सी सिरदर्द से लेकर गंभीर खतरों, वित्तीय समस्याओं, हानियों, झगड़ों, हर तरह की बाधाओं तक।
आपकी जीवन में हर समस्या, आपके खुद के पाप के कारण है।
इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि अपने पापों को लगातार जलाते रहें, नष्ट करते रहें ।
इस सरल मार्ग द्वारा आप यह कर सकते हैं।
हर दिन उठते समय भगवान नारायण या कृष्ण का नाम लेकर उठें ।

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |