ॐ काकलक कमाल बज्र पर्वत लङ्क अलक पलङ्का, पलक फलीक यती की वाचा गुरु की सोचा सत्यों ।
विधि - एक बरतन में पानी रखें । सफेद नये कपडे के एक टुकडे को रेंडी के तेल में तर करके उसे जलायें । जलते हुए कपडे को उस पानी के बरतन के ऊपर पकडकर रखें । तेल पानी में टपकता रहेगा । कपडा जलते रहने तक ऊपर दिया हुआ मंत्र जापते रहें । तेल टपकना बंद हो जाने पर कपडे को उसी पानी में बुझा दें । इसके बाद २१ बार मंत्र का जाप करके फूंक मारें ।
कर्ण ने कुंती को वचन दिया था कि युद्ध में अर्जुन के सिवा अन्य कुंतीपुत्रों को नहीं मारेगा।
राजा भरत पाडवों के पूर्वज थे। शकुंतला उनकी मां थी।
रामनवमी
जो रामनवमी के दिन दिन भर उपवास रखता है, रातभर जागरण करता ह....
Click here to know more..आपके बच्चे की सुरक्षा के लिए श्रीमद्भागवत का मंत्र
अव्यादजोऽङ्घ्रिमणिमांस्तव जान्वथोरू यज्ञोऽच्युतः कट....
Click here to know more..नटेश भुजंग स्तोत्र
लोकानाहूय सर्वान् डमरुकनिनदैर्घोरसंसारमग्नान् दत्वाऽ....
Click here to know more..Please wait while the audio list loads..
Ganapathy
Shiva
Hanuman
Devi
Vishnu Sahasranama
Mahabharatam
Practical Wisdom
Yoga Vasishta
Vedas
Rituals
Rare Topics
Devi Mahatmyam
Glory of Venkatesha
Shani Mahatmya
Story of Sri Yantra
Rudram Explained
Atharva Sheersha
Sri Suktam
Kathopanishad
Ramayana
Mystique
Mantra Shastra
Bharat Matha
Bhagavatam
Astrology
Temples
Spiritual books
Purana Stories
Festivals
Sages and Saints