ॐ काकलक कमाल बज्र पर्वत लङ्क अलक पलङ्का, पलक फलीक यती की वाचा गुरु की सोचा सत्यों ।


 

विधि - एक बरतन में पानी रखें । सफेद नये कपडे के एक टुकडे को  रेंडी के तेल में तर करके उसे जलायें । जलते हुए कपडे को उस पानी के बरतन के ऊपर पकडकर रखें । तेल पानी में टपकता रहेगा । कपडा जलते रहने तक ऊपर दिया हुआ मंत्र जापते रहें । तेल टपकना बंद हो जाने पर कपडे को उसी पानी में बुझा दें । इसके बाद २१ बार मंत्र का जाप करके फूंक मारें ।

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आपके वेदधारा ग्रुप से मुझे अपार ज्ञान प्राप्त होता है, मुझे गर्व कि मैं सनातनी हूं और सनातन धर्म में ईश्वर ने मुझे भेजा है । आपके द्वारा ग्रुप में पोस्ट किए गए मंत्र और वीडियों को में प्रतिदिन देखता हूं । -Dr Manoj Kumar Saini

आपकी वेबसाइट से बहुत कुछ जानने को मिलता है।🕉️🕉️ -नंदिता चौधरी

इस मंत्र से मन को शांति मिलती है 🌼 -Mukesh Sengupta

सचमुच अद्भुत मंत्र है..धन्यवाद! -अन्वेषा

वेदधारा के माध्यम से हिंदू धर्म के भविष्य को संरक्षित करने के लिए आपका समर्पण वास्तव में सराहनीय है -अभिषेक सोलंकी

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