जय गणेश जय गणेश देवा

जय गणेश जय गणेश देवा

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जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, 

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा । 

पान चढ़ें फूल चढ़ें और चढ़ें मेवा, 

लडुवन का भोग लगे सन्त करे सेवा । 

एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी, 

मस्तक सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी । 

अन्धन को आंख देत कोढ़िन को काया, 

बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया । 

दीनन की लाज राखो शम्भु-सुत वारी, 

कामना को पूरा करो जग बलिहारी । 

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,

सूरश्याम शरण आये सुफल कीजे सेवा ।

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मंत्र कितने दिन में सिद्ध होता है?

हर मंत्र को सिद्ध करने के लिए उसके लिए बतायी गयी उतनी संख्या जाप करना जरूरी होता है। उतनी बार जाप करने से मंत्र सिद्ध होता है। कोई मंत्र एक ही दिन में, कोई मंत्र ७ दिनों में और कोई मंत्र २१ दिनों में सिद्ध होता है।

हिंदू धर्म में आरती क्या है?

आरती करने के तीन उद्देश्य हैं। १. नीरांजन - देवता के अङ्ग-प्रत्यङ्ग चमक उठें ताकि भक्त उनके स्वरूप को अच्छी तरह समझकर अपने हृदय में बैठा सकें। २. कष्ट निवारण - पूजा के समय देवता का भव्य स्वरूप को देखकर उनके ऊपर भक्तों की ही नज़र पड सकती है। छोटे बच्चों की माताएँ जैसे नज़र उतारती हैं, ठीक वैसे ही आरती द्वारा देवता के लिए नज़र उतारी जाती है। ३, त्रुटि निवारण - पूजा में अगर कोई त्रुटि रह गई हो तो आरती से उसका निवारण हो जाता है।

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