अपर्णा स्तोत्र
रक्तामरीमुकुटमुक्ताफल- प्रकरपृक्ताङ्घ्रिपङ्कजयुगां व....
Click here to know more..चंडी कवच
ॐ मार्कण्डेय उवाच। यद्गुह्यं परमं लोके सर्वरक्षाकरं नृ�....
Click here to know more..उद्यमेन हि सिध्यन्ति
केवल इच्छा रखने से कार्य सिद्ध नहीं होते| कार्य की सिद्धि ....
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