शिव धुन - ॐ नमः शिवाय

 

ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
हर हर भोले नमः शिवाय
रामेश्वराय शिव रामेश्वराय
हर हर भोले नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
हर हर भोले नमः शिवाय
गंगाधराय शिव गंगाधराय
हर हर भोले नमः शिवाय
ॐ नमः‌ शिवाय
हर हर बोले नमः शिवाय
जटाधराये शिव जटाधराये
हर हर भोले नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
हर हर भोले नमः शिवाय
सोमेश्वराय शिव सोमेश्वराय
हर हर भोले नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
हर हर बोले नमः शिवाय
विश्वेश्वराय शिव विश्वेश्वराय
हर हर भोले नमः शिवाय
ॐ नमः‌ शिवाय
हर हर भोले नमः शिवाय
कोटेश्वराये शिव विश्वेश्वराय
हर हर भोले नमः शिवाया
ॐ नमः शिवाय
हर हर भोले नमः शिवाय

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3abr7

अक्षौहिणी का अर्थ क्या है?

२१,८७० रथ, २१,८७० हाथी, ६५, ६१० घुड़सवार एवं १,०९,३५० पैदल सैनिकों के समूह को अक्षौहिणी कहते हैं।

रामचरितमानस कितने दिन पढ़ना है?

रामचरितमानस पढ़ने के दो विधान हैं - १. नवाह्न पाठ - जिसमें संपूर्ण मानस का पाठ नौ दिनों में किया जाता है। २. मासिक पाठ - जिसमें पाठ एक मास की अवधि में संपन्न किया जाता है।

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मां लक्ष्मी के कितने स्वरूप प्रसिद्ध हैं ?
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