गणेश जी को सभी बाधाओं को दूर करने वाले देवता माना जाता है। उनका स्वरूप अद्वितीय है। हाथी के सिर, छोटी आँखों, सूँड़, और बड़े कानों की वजह से उन्हें गजानन कहा जाता है।
हाथी शाकाहारी होता है और गणेश भी। हाथी को बुद्धिमान माना जाता है, इसलिए गणेश के स्वरूप में भी बुद्धिमत्ता का प्रतीक देखा जाता है। उनका चौड़ा मस्तक गणेश की बुद्धिमत्ता का द्योतक है।
हाथी जैसे बड़े कान दर्शाते हैं कि गणेश छोटी से छोटी पुकार और हल्की से हल्की आवाज को सुनने और समझने में सक्षम हैं। हाथी की आँखें दूर तक देख सकती हैं, इसलिए गणेश भी दूरदर्शी हैं। हाथी की सूँड़ से जैसे बड़ी चीजें आसानी से उठाई जाती हैं, वैसे ही गणेश भी बड़े और छोटे दोनों कार्य कुशलता से कर सकते हैं। उनकी सूँड़ बुद्धि और 'नाद ब्रह्म' का प्रतीक मानी जाती है।
गणेश की चार भुजाएं चारों दिशाओं तक उनकी पहुंच को दर्शाती हैं। उनके शरीर का दाहिना भाग बुद्धि और अहंकार का प्रतीक है, जबकि बायाँ भाग हृदय और करुणा का प्रतीक है।
उनके दाहिने ऊपर के हाथ में अंकुश सांसारिक विघ्नों के नाश का संकेत है, और दूसरा हाथ आशीर्वाद देता है। बाएं एक हाथ में रस्सी प्रेम का प्रतीक है, जो भक्तों को सिद्धि का आनंद दिलाता है। उनके दूसरे बाएं हाथ में आनंद का प्रतीक मोदक है। रस्सी इच्छा और अंकुश ज्ञान का प्रतीक माने जाते हैं।
उनका बड़ा पेट सबके रहस्यों को पचाने का संकेत है, और वे इधर-उधर बातें नहीं करते।
उनका एक ही दांत है, जो हाथी के दांत जैसा है और समस्त विघ्न-बाधाओं को नष्ट करने में सक्षम है।
यह माना जाता है कि एक बार, जब शिव और पार्वती गुफा में सो रहे थे और गणेश द्वार की रक्षा कर रहे थे, तब परशुराम मिलने आए। गणेश ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिसके कारण परशुराम ने उनका एक दांत तोड़ दिया। लेकिन गणेश ने प्रतिकार नहीं किया, क्योंकि प्रहार करने वाला एक वृद्ध ब्राह्मण था। यह दिखाता है कि गणेश सिद्धांत और कर्तव्य के पालन के लिए हर कष्ट उठाने को तैयार रहते हैं। उनका श्वेत वर्ण सात्विकता का प्रतीक है।
Astrology
Atharva Sheersha
Bhagavad Gita
Bhagavatam
Bharat Matha
Devi
Devi Mahatmyam
Ganapathy
Glory of Venkatesha
Hanuman
Kathopanishad
Mahabharatam
Mantra Shastra
Mystique
Practical Wisdom
Purana Stories
Radhe Radhe
Ramayana
Rare Topics
Rituals
Rudram Explained
Sages and Saints
Shiva
Spiritual books
Sri Suktam
Story of Sri Yantra
Temples
Vedas
Vishnu Sahasranama
Yoga Vasishta