चण्डपापहर- पादसेवनं गण्डशोभिवर- कुण्डलद्वयम्।
दण्डिताखिल- सुरारिमण्डलं दण्डपाणिमनिशं विभावये।
कालकालतनुजं कृपालयं बालचन्द्रविलसज्-जटाधरम्।
चेलधूतशिशु- वासरेश्वरं दण्डपाणिमनिशं विभावये।
तारकेश- सदृशाननोज्ज्वलं तारकारिमखिलार्थदं जवात्।
तारकं निरवधेर्भवाम्बुधेर्दण्ड- पाणिमनिशं विभावये।
तापहारिनिज- पादसंस्तुतिं कोपकाममुख- वैरिवारकम्।
प्रापकं निजपदस्य सत्वरं दण्डपाणिमनिशं विभावये।
कामनीयकवि- निर्जिताङ्गजं रामलक्ष्मण- कराम्बुजार्चितम्।
कोमलाङ्गमति- सुन्दराकृतिं दण्डपाणिमनिशं विभावये।
रामदूत स्तोत्र
वज्रदेहममरं विशारदं भक्तवत्सलवरं द्विजोत्तमम्। रामपा....
Click here to know more..शिव पंचाक्षर स्तोत्र
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय। न....
Click here to know more..अधिक से अधिक धन के लिए लक्ष्मी देवी मंत्र
भूयाद्भूयो द्विपद्माऽभयवरदकरा तप्तकार्तस्वराभा शुभ्....
Click here to know more..