स्वच्छ मन और आध्यात्मिक विकास के लिए हनुमान मंत्र

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Jay shree Ram 🙏 -Nishit Patel

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दिव्य चक्षु

सबके अन्दर दिव्य चक्षु विद्यमान है। इस दिव्य चक्षु से ही हम सपनों को देखते हैं। पर जब तक इसका साधना से उन्मीलन न हो जाएं इससे बाहरी दुनिया नहीं देख सकते।

गोवत्स द्वादशी की कहानी क्या है?

एक बार माता पार्वती गौ माता के और भोलेनाथ एक बूढे के रूप में भृगु महर्षि के आश्रम पहुंचे। गाय और बछडे को आश्रम में छोडकर महादेव निकल पडे। थोडी देर बाद भोलेनाथ खुद एक वाघ के रूप में आकर उन्हें डराने लगे। डर से गौ और बछडा कूद कूद कर दौडे तो उनके खुरों का निशान शिला के ऊपर पड गया जो आज भी ढुंढागिरि में दिखाई देता है। आश्रम में ब्रह्मा जी का दिया हुआ एक घंटा था जिसे बजाने पर भगवान परिवार के साथ प्रकट हो गए। इस दिन को गोवत्स द्वादशी के रूप में मनाते हैं।

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इन में से किस पर्वत का आकार एक शाप के कारण छोटा होता जा रहा है ?

ॐ नमो भगवते आञ्जनेयाय आत्मतत्त्वप्रकाशाय स्वाहा ।....

ॐ नमो भगवते आञ्जनेयाय आत्मतत्त्वप्रकाशाय स्वाहा ।

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