शिव पुराण के अनुसार शिव से पहले कोई नहीं था। शिव ही परब्रह्म हैं जिनसे जगत की उत्पत्ति हुई।
धर्म के सिद्धांत सीधे सर्वोच्च भगवान द्वारा स्थापित किए जाते हैं। ये सिद्धांत ऋषियों, सिद्धों, असुरों, मनुष्यों, विद्याधरों या चारणों द्वारा पूरी तरह से समझ में नहीं आते हैं। दिव्य ज्ञान मानवीय समझ से परे है और यहां तक कि देवताओं की भी समझ से परे है।
जय गणेश जय गणेश देवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादे....
Click here to know more..ज्ञान की प्राप्ति में गुरुजी निमित्त मात्र भी हो सकते हैं
रामचन्द्राय जनकराजजामनोहराय
रामचन्द्राय जनकराजजामनोहराय मामकाभीष्टदाय महितमङ्गल....
Click here to know more..