नमो गोभ्यः श्रीमतीभ्यः सौरभेयीभ्य एव च । नमो ब्रह्मसुताभ्यश्च पवित्राभ्यो नमो नमः || - श्रीमती गौओंको नमस्कार ! कामधेनुकी संतानों को नमस्कार । ब्रह्माजी की पुत्रियों को नमस्कार ! पावन करनेवाली गौओं को बार-बार नमस्कार ।
अग्निपुराण में कहा है जो गंगाजी का दर्शन, स्पर्श, जलपान या मात्र गंगा नाम का उच्चार करता है वह अपनी सैकडों हजारों पीढियों के लोगों को पवित्र कर देता है।
ॐ नमो भगवते नरसिंहाय । नमस्तेजस्तेजसे आविराविर्भव कर्माशयान् रन्धय रन्धय तमो ग्रस ग्रस ॐ स्वाहा । अभयं ममात्मनि भूयिष्ठाः ॐ क्ष्रौम् ॥....
ॐ नमो भगवते नरसिंहाय । नमस्तेजस्तेजसे आविराविर्भव कर्माशयान् रन्धय रन्धय तमो ग्रस ग्रस ॐ स्वाहा । अभयं ममात्मनि भूयिष्ठाः ॐ क्ष्रौम् ॥