भगवान शिव घोर तपस्या कर रहे थे। उनका शरीर गर्म हो गया और उनके पसीने से नर्मदा नदी अस्तित्व में आई। नर्मदा को शिव की पुत्री माना जाता है।
भगवान और उनके नाम अविच्छेद्य हैं। गोस्वामी तुलसीदास जी के अनुसार भगवन्नाम का प्रभाव भगवान से अधिक हैं। भगवान ने जो प्रत्यक्ष उनके संपर्क में आये उन्हें ही सुधारा। उनका नाम पूरे विश्व में आज भी करोडों का भला कर रहा है।
देवों ने पाण्डवों के रूप में अवतार क्यों लिया?
हम जानते हैं कि यमराज, वायुदेव, इंद्र्देव और अश्विनी कुमा�....
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ॐ हं हनुमते नमः....
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देवं गिरिवंश्यं गौरीवरपुत्रं लम्बोदरमेकं सर्वार्चितप�....
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