गंगा, यमुना और सरस्वती ।
ब्रह्माण्ड पुराण के अनुसार अन्नदान करने वाले की आयु, धन-संपत्ति, दीप्ति और आकर्षणीयता बढती हैं । उसे ले जाने स्वर्गलोक से सोने से बना विमान आ जाता है । पद्म पुराण के अनुसार अन्नदान के समान कॊई दूसरा दान नहीं है । भूखे को खिलाने से इहलोक और परलोक में सुख की प्राप्ति होती है । परलोक में पहाडों के समान स्वादिष्ठ भोजन ऐसे दाता के लिए सर्वदा तैयार रहता है । अन्न के दाता को देवता और पितर आशीर्वाद देते हैं । उसे सारे पापों से मुक्ति मिलती है ।
क्या वेदों में मूर्ति पूजा का उल्लेख नहीं है?
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Click here to know more..प्रतिशोध और बुद्धि
प्रतिशोध और बुद्धि....
Click here to know more..केदारनाथ कवच
केयूरादिविभूषितैः करतलैरत्नाङ्कितैः सुन्दरं नानाहारव....
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