गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा मिट्टी की मूर्ति के द्वारा की जाती है। यह मूर्ति अस्थायी है। पूजा के बाद इसे पानी में इसलिए डुबोया जाता है ताकि वह अशुद्ध न हो जाए।
हनुमान साठिका पढनेवाले भक्तों के संकट हनुमान जी समाप्त कर लेते हैं । वे उनकी रक्षा करते हैं । उनकी मनोकामनायें पूर्ण हो जाती हैं ।
सर्पराजाय विद्महे नागराजाय धीमहि तन्नोऽनन्तः प्रचोदयात्....
सर्पराजाय विद्महे नागराजाय धीमहि तन्नोऽनन्तः प्रचोदयात्