पुस्तकस्था तु या विद्या

पुस्तकस्था तु या विद्या परहस्तगतं धनम्|

कार्यकाले समुत्पन्ने न सा विद्या न तद्धनम्|
 
 
जो विद्या सिर्फ पुस्तक में हो, और हमारे दिमाग मे हो और जो खुद का धन, दूसरों के पास दिया हुआ हो - ये दोनों जब जरूरत हो तब काम नहीं आते| 
 
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हनुमान साठिका पढने से क्या लाभ मिलता है?

हनुमान साठिका पढनेवाले भक्तों के संकट हनुमान जी समाप्त कर लेते हैं । वे उनकी रक्षा करते हैं । उनकी मनोकामनायें पूर्ण हो जाती हैं ।

पुरूरवा कौन है?

पुरूरवा बुध और इला (सुद्युम्न) का पुत्र है।

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उपनयन संस्कार के साथ बच्चे का किसके साथ संबंध हो जाता है ?
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