परोऽपि हितवान् बन्धु:

परोऽपि हितवान् बन्धुर्बन्धुरप्यहित: पर:।

अहितो देहजो व्याधिर्हितमारण्यमौषधम्।
 
 
अगर कोई पराया होकर भी हमारा भला चाहता है तो वह अपना है| अगर कोई अपना होकर भी हमारा भला नही चाहता है तो वह पराया ही है| व्याधि हमारे शरीर से उत्पन्न होते हुए भी बुराई ही करती है| लेकिन कहीं दूर एक जंगल में उत्पन्न औषधि हमारे शरीर की भलाई करती है|
 
95.6K

Comments

mfaqv

हैहय वंश क्या है?

हैहय साम्राज्य मध्य और पश्चिमी भारत में चंद्रवंशी (यादव) राजाओं द्वारा शासित राज्यों में से एक था। हैहय राजाओं में सबसे प्रमुख कार्तवीर्य अर्जुन थे, जिन्होंने रावण को भी हराया था। इनकी राजधानी माहिष्मती थी। परशुराम ने उनका सर्वनाश कर दिया।

Humidity in the atmosphere - Vedic term

Veda calls humidity in the atmosphere Agreguvah (अग्रेगुवः). It is also called Agrepuvah (अग्रेपुवः) since it purifies the atmosphere.

Quiz

नातह संप्रदाय के साधु-संत किस रंग के कपडे पहनते हैं ?
Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |