आदौ देवकिदेविगर्भजननं गोपीगृहे वर्धनं‌
मायापूतनजीवितापहरणं गोवर्धनोद्धारणम्।
कंसच्छेदनकौरवादिहननं कुन्तीसुतापालनं
चैतद्भागवतं पुराणकथितं श्रीकृष्णलीलामृतम्।।

एक श्लोकि भागवत का भावार्थ  
श्रीमद् भागवत् का संक्षिप्त रूपांतरण -

  1. श्रीकृष्ण देवकी के गर्भ से जन्म लेते हैं।
  2. श्रीकृष्ण यशोदा के घर में बडे होते हैं।
  3. श्रीकृष्ण पूतना को मारते हैं।
  4. श्रीकृष्ण गोवर्धन पर्वत को उठाते हैं।
  5. श्रीकृष्ण कंस को मारते हैं।
  6. श्रीकृष्ण कौरवों को युद्ध में हरवाते हैं।
  7. श्रीकृष्ण पाण्डवों की रक्षा करते हैं।

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

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