नगजानन्दनं वन्द्यं नागयज्ञोपवीतिनम्।
वन्देऽहं विघ्ननाशाय नागाननसुरं सदा।
गणपति मंत्र अक्षरावलि स्तोत्र
ऋषिरुवाच - विना तपो विना ध्यानं विना होमं विना जपम् । अनाय....
Click here to know more..पार्वती पंचक स्तोत्र
विनोदमोदमोदिता दयोदयोज्ज्वलान्तरा निशुम्भशुम्भदम्भद�....
Click here to know more..चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम्
मनोबुद्ध्यहङ्कारचित्तानि नाहं न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्�....
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