नमस्ते जामदग्न्याय क्रोधदग्धमहासुर । 
क्षत्रान्तकाय चण्डाय रामायापारतेजसे ॥

विनाशकाय दुष्टानां रक्षकाय सदर्थिनाम् । 
भृगुकुल्याय वीराय विष्णुरूपाय ते नमः ॥

महाभयङ्करायैव महादेवाय धीमते । 
ब्रह्मवंशोद्भवायैव पर्शुराम नमोऽस्तु ते ॥

पर्शुहस्ताय वीराय रेणुकानन्दवर्धिने । 
सर्वदुष्टशमायैव तुभ्यं राम नमोऽस्तु ते ॥

यज्ञविघ्नहरायैव कृपाणधृतवक्षसे । 
कुकर्मनाशकायास्तु नमस्तुभ्यं हरे मुहुः ॥

रक्षस्व मां महाबाहो महाबल नमोऽस्तु‌ ते । 
दुर्जनैः परिविष्टं हि शत्रुसङ्घातवारण ॥

धनुर्वेदप्रधानाय वेदसाराय धीमते । 
तपोधनप्रियायैव जगन्नाथाय ते नमः ॥

जपेत् स्तोत्रं सदा जप्यं यः सुधीः प्रत्यहं मुदा ।
नित्यं रक्षामवाप्नोति शत्रुभ्यो नहि संशयः ॥

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

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वेदधारा के कार्यों से हिंदू धर्म का भविष्य उज्जवल दिखता है -शैलेश बाजपेयी

प्रणाम गुरूजी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 -प्रभास

जो लोग पूजा कर रहे हैं, वे सच में पवित्र परंपराओं के प्रति समर्पित हैं। 🌿🙏 -अखिलेश शर्मा

वेदधारा के कार्य से हमारी संस्कृति सुरक्षित है -मृणाल सेठ

आप जो अच्छा काम कर रहे हैं उसे जानकर बहुत खुशी हुई -राजेश कुमार अग्रवाल

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