नमामि रामदूतं च हनूमन्तं महाबलम् । 
शौर्यवीर्यसमायुक्तं विक्रान्तं पवनात्मजम् ॥

क्रीडासु जयदानं च यशसाऽपि समन्वितम् । 
समर्थं सर्वकार्येषु भजामि कपिनायकम् ॥

क्रीडासु देहि मे सिद्धिं जयं देहि च सत्त्वरम् । 
विघ्नान् विनाशयाशेषान् हनुमन् बलिनां वर‌ ॥

बलं देहि मम स्थैर्यं धैर्यं साहसमेव च । 
सन्मार्गेण नय त्वं मां क्रीडासिद्धिं प्रयच्छ मे ॥

वायुपुत्र महावीर स्पर्धायां देहि मे जयम् ।
त्वं हि मे हृदयस्थायी कृपया परिपालय ॥

हनुमान् रक्ष मां नित्यं विजयं देहि सर्वदा । 
क्रीडायां च यशो देहि त्वं हि सर्वसमर्थकः ॥

यः पठेद्भक्तिमान् नित्यं हनूमत्स्तोत्रमुत्तमम् ।
क्रीडासु जयमाप्नोति राजसम्मानमुत्तमम् ॥

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

97.0K
14.6K

Comments Hindi

Security Code

91547

finger point right
बहुत अच्छी अच्छी जानकारी प्राप्त होती है 🙏🌹🙏 -Manjulata srivastava

Ram Ram -Aashish

वेदधारा की वजह से मेरे जीवन में भारी परिवर्तन और सकारात्मकता आई है। दिल से धन्यवाद! 🙏🏻 -Tanay Bhattacharya

वेदधारा के साथ ऐसे नेक काम का समर्थन करने पर गर्व है - अंकुश सैनी

आपकी वेबसाइट से बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। -दिशा जोशी

Read more comments

Other languages: EnglishTamilMalayalamTeluguKannada

Recommended for you

गंगा मंगल स्तोत्र

गंगा मंगल स्तोत्र

मङ्गलं पुण्यगङ्गे ते सहस्रश्लोकसंस्फुरे। सहस्रायुतसत�....

Click here to know more..

राम प्रणाम स्तोत्र

राम प्रणाम स्तोत्र

विश्वेशमादित्यसमप्रकाशं पृषत्कचापे करयोर्दधानम्। सदा....

Click here to know more..

धन की प्रचुरता के लिए मंत्र

धन की प्रचुरता के लिए मंत्र

धाता रातिस्सवितेदं जुषन्तां प्रजापतिर्निधिपतिर्नो अग�....

Click here to know more..