ऋषिरुवाच।
यमाहुर्वासुदेवांशं हैहयानां कुलान्तकम्।
त्रिःसप्तकृत्वो य इमां चक्रे निःक्षत्रियां महीम्।
दुष्टं क्षत्रं भुवो भारमब्रह्मण्यमनीनशत्।
तस्य नामानि पुण्यानि वच्मि ते पुरुषर्षभ।
भूभारहरणार्थाय मायामानुषविग्रहः।
जनार्दनांशसम्भूतः स्थित्युत्पत्त्यप्ययेश्वरः।
भार्गवो जामदग्न्यश्च पित्राज्ञापरिपालकः।
मातृप्राणप्रदो धीमान् क्षत्रियान्तकरः प्रभुः।
रामः परशुहस्तश्च कार्तवीर्यमदापहः।
रेणुकादुःखशोकघ्नो विशोकः शोकनाशनः।
नवीननीरदश्यामो रक्तोत्पलविलोचनः।
घोरो दण्डधरो धीरो ब्रह्मण्यो ब्राह्मणप्रियः।
तपोधनो महेन्द्रादौ न्यस्तदण्डः प्रशान्तधीः।
उपगीयमानचरितः सिद्धगन्धर्वचारणैः।
जन्ममृत्युजराव्याधिदुःखशोकभयातिगः।
इत्यष्टाविंशतिर्नाम्नामुक्ता स्तोत्रात्मिका शुभा।
अनया प्रीयतां देवो जामदग्न्यो महेश्वरः।
नेदं स्तोत्रमशान्ताय नादान्तायातपस्विने।
नावेदविदुषे वाच्यमशिष्याय खलाय च।
नासूयकायानृजवे न चानिर्दिष्टकारिणे।
इदं प्रियाय पुत्राय शिष्यायानुगताय च।
रहस्यधर्मो वक्तव्यो नान्यस्मै तु कदाचन।

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

136.4K
20.5K

Comments Hindi

Security Code

37409

finger point right
वेदधारा के साथ ऐसे नेक काम का समर्थन करने पर गर्व है - अंकुश सैनी

Om namo Bhagwate Vasudevay Om -Alka Singh

वेदधारा समाज के लिए एक महान सेवा है -शिवांग दत्ता

वेद पाठशालाओं और गौशालाओं के लिए आप जो अच्छा काम कर रहे हैं, उसे देखकर बहुत खुशी हुई 🙏🙏🙏 -विजय मिश्रा

यह वेबसाइट ज्ञान का अद्वितीय स्रोत है। -रोहन चौधरी

Read more comments

Other languages: EnglishTamilMalayalamTeluguKannada

Recommended for you

निर्गुण मानस पूजा स्तोत्र

निर्गुण मानस पूजा स्तोत्र

शिष्य उवाच- अखण्डे सच्चिदानन्दे निर्विकल्पैकरूपिणि। स्....

Click here to know more..

भद्रकाली स्तुति

भद्रकाली स्तुति

कालि कालि महाकालि भद्रकालि नमोऽस्तु ते। कुलं च कुलधर्मं ....

Click here to know more..

भगवान जो कुछ भी करते हैं वे सब उनकी लीलाएं हैं - कार्य नहीं

भगवान जो कुछ भी करते हैं वे सब उनकी लीलाएं हैं - कार्य नहीं

Click here to know more..