कृष्णवेणी स्तोत्र
विभिद्यते प्रत्ययतोऽपि रूपमेकप्रकृत्योर्न हरेर्हरस्य....
Click here to know more..षडानन अष्टक स्तोत्र
नमोऽस्तु वृन्दारकवृन्दवन्द्य- पादारविन्दाय सुधाकराय । ....
Click here to know more..श्री कृष्ण तुमको वन में
श्री कृष्ण तुमको वन में गउए चराते देखा जमुना के तीर तुमको....
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