वेंकटेश अष्टक स्तुति
यो लोकरक्षार्थमिहावतीर्य वैकुण्ठलोकात् सुरवर्यवर्यः।....
Click here to know more..हनुमत् क्रीडा स्तोत्र
क्रीडासु देहि मे सिद्धिं जयं देहि च सत्त्वरम् । विघ्नान�....
Click here to know more..श्रीराम जी ने शूर्पणखा को दण्ड क्यों दिया?