जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
पान चढ़ें फूल चढ़ें और चढ़ें मेवा।
लडुवन का भोग लगे संत करे सेवा।
एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।
मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी।
अन्धन को आंख देत कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।
दीनन की लाज राखो शम्भु सुत वारी।
कामना को पूरा करो जग बलिहारी ।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
सूरश्याम शरण आये सुफल कीजे सेवा।
वरदराज स्तोत्र
श्रीदेवराजमनिशं निगमान्तवेद्यं यज्ञेश्वरं विधिमहेन्�....
Click here to know more..काशी पंचक
मनोनिवृत्तिः परमोपशान्तिः सा तीर्थवर्या मणिकर्णिका च। ....
Click here to know more..गौ सेवा से प्राप्त होता है दिव्य ज्ञान
गौ सेवा से प्राप्त होता है दिव्य ज्ञान....
Click here to know more..