अष्टमूर्ति रक्षा स्तोत्र
हे शर्व भूरूप पर्वतसुतेश हे धर्म वृषवाह काञ्चीपुरीश। दव�....
Click here to know more..काशी विश्वनाथ सुप्रभात स्तोत्र
स्नानाय गाङ्गसलिलेऽथ समर्चनाय विश्वेश्वरस्य बहुभक्तज�....
Click here to know more..नाग दोष से निवृत्ति के लिए केतु गायत्री मंत्र
ॐ चित्रवर्णाय विद्महे सर्परूपाय धीमहि। तन्नः केतुः प्र�....
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