श्रुतिशतनुतरत्नं शुद्धसत्त्वैकरत्नं
यतिहितकररत्नं यज्ञसम्भाव्यरत्नम्।
दितिसुतरिपुरत्नं देवसेनेशरत्नं
जितरतिपतिरत्नं चिन्तयेत्स्कन्दरत्नम्।
सुरमुखपतिरत्नं सूक्ष्मबोधैकरत्नं
परमसुखदरत्नं पार्वतीसूनुरत्नम्।
शरवणभवरत्नं शत्रुसंहाररत्नं
स्मरहरसुतरत्नं चिन्तयेत्स्कन्दरत्नम्।
निधिपतिहितरत्नं निश्चिताद्वैतरत्नं
मधुरचरितरत्नं मानिताङ्घ्र्यब्जरत्नम्।
विधुशतनिभरत्नं विश्वसन्त्राणरत्नं
बुधमुनिगुरुरत्नं चिन्तयेत्स्कन्दरत्नम्।
अभयवरदरत्नं चाप्तसन्तानरत्नं
शुभकरमुखरत्नं शूरसंहाररत्नम्।
इभमुखयुतरत्नं स्वीशशक्त्येकरत्नं
ह्युभयगतिदरत्नं चिन्तयेत्स्कन्दरत्नम्।
सुजनसुलभरत्नं स्वर्णवल्लीशरत्नं
भजनसुखदरत्नं भानुकोट्याभरत्नम्।
अजशिवगुरुरत्नं चाद्भुताकाररत्नं
द्विजगणनुतरत्नं चिन्तयेत्स्कन्दरत्नम्।

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

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