इन्दीवराखिल- समानविशालनेत्रो
हेमाद्रिशीर्षमुकुटः कलितैकदेवः।
आलेपितामल- मनोभवचन्दनाङ्गो
भूतिं करोतु मम भूमिभवो मुरारिः।
सत्यप्रियः सुरवरः कविताप्रवीणः
शक्रादिवन्दितसुरः कमनीयकान्तिः।
पुण्याकृतिः सुवसुदेवसुतः कलिघ्नो
भूतिं करोतु मम भूमिभवो मुरारिः।
नानाप्रकारकृत- भूषणकण्ठदेशो
लक्ष्मीपतिर्जन- मनोहरदानशीलः।
यज्ञस्वरूपपरमाक्षर- विग्रहाख्यो
भूतिं करोतु मम भूमिभवो मुरारिः।
भीष्मस्तुतो भवभयापहकार्यकर्ता
प्रह्लादभक्तवरदः सुलभोऽप्रमेयः।
सद्विप्रभूमनुज- वन्द्यरमाकलत्रो
भूतिं करोतु मम भूमिभवो मुरारिः।
नारायणो मधुरिपुर्जनचित्तसंस्थः
सर्वात्मगोचरबुधो जगदेकनाथः।
तृप्तिप्रदस्तरुण- मूर्तिरुदारचित्तो
भूतिं करोतु मम भूमिभवो मुरारिः।

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

155.4K
23.3K

Comments Hindi

Security Code

60179

finger point right
सनातन धर्म के प्रति आपका प्रयास, अतुलनीय, और अद्भुत हे, आपके इस प्रयास के लिए कोटि कोटि नमन🙏🙏🙏 -User_smb31x

आपको धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद -Ghanshyam Thakar

आपकी वेबसाइट से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।🙏 -आर्या सिंह

वेदधारा का प्रभाव परिवर्तनकारी रहा है। मेरे जीवन में सकारात्मकता के लिए दिल से धन्यवाद। 🙏🏻 -Anjana Vardhan

बहुत बढिया चेनल है आपका -Keshav Shaw

Read more comments

Other languages: EnglishTamilMalayalamTeluguKannada

Recommended for you

विघ्नेश स्तुति

विघ्नेश स्तुति

आप्रत्यूषविहारिणो गगनगाः नैकाः मनोज्ञाः स्थली- र्वीक्ष....

Click here to know more..

भगवद गीता - अध्याय 8

भगवद गीता - अध्याय 8

अथ अष्टमोऽध्यायः । अक्षरब्रह्मयोगः । अर्जुन उवाच - किं त....

Click here to know more..

माता महाकाली के दिव्य लोक का वर्णन

माता महाकाली के दिव्य लोक का वर्णन

माता महाकाली का दिव्य लोक अमृत सागर के बीच है । अग्नि के स�....

Click here to know more..