भुवने सदोदितं हरं
गिरिशं नितान्तमङ्गलम्।
शिवदं भुजङ्गमालिनं
भज रे शिवं सनातनम्।
शशिसूर्यवह्निलोचनं
सदयं सुरात्मकं भृशम्।
वृषवाहनं कपर्दिनं
भज रे शिवं सनातनम्।
जनकं विशो यमान्तकं
महितं सुतप्तविग्रहम्।
निजभक्तचित्तरञ्जनं
भज रे शिवं सनातनम्।
दिविजं च सर्वतोमुखं
मदनायुताङ्गसुन्दरम्।
गिरिजायुतप्रियङ्करं
भज रे शिवं सनातनम्।
जनमोहकान्धनाशकं
भगदायकं भयापहम्।
रमणीयशान्तविग्रहं
भज रे शिवं सनातनम्।
परमं चराचरे हितं
श्रुतिवर्णितं गतागतम्।
विमलं च शङ्करं वरं
भज रे शिवं सनातनम्।

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

174.6K
26.2K

Comments Hindi

Security Code

58171

finger point right
प्रणाम गुरूजी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 -प्रभास

इस परोपकारी कार्य में वेदधारा का समर्थन करते हुए खुशी हो रही है -Ramandeep

वेदधारा की वजह से हमारी संस्कृति फल-फूल रही है 🌸 -हंसिका

यह वेबसाइट ज्ञान का खजाना है। 🙏🙏🙏🙏🙏 -कीर्ति गुप्ता

हम हिन्दूओं को एकजुट करने के लिए यह मंच बहुत ही अच्छी पहल है इससे हमें हमारे धर्म और संस्कृति से जुड़कर हमारा धर्म सशक्त होगा और धर्म सशक्त होगा तो देश आगे बढ़ेगा -भूमेशवर ठाकरे

Read more comments

Other languages: EnglishTamilMalayalamTeluguKannada

Recommended for you

शिव आत्मार्पण स्तुति

शिव आत्मार्पण स्तुति

कस्ते बोद्धुं प्रभवति परं देवदेव प्रभावं यस्मादित्थं व�....

Click here to know more..

मंगल अष्टोत्तर शतनामावलि

मंगल अष्टोत्तर शतनामावलि

ॐ मितभाषणाय नमः । ॐ सुखप्रदाय नमः । ॐ सुरूपाक्षाय नमः । ॐ....

Click here to know more..

भगवान को चढाया हुआ भोग स्वादिष्ट क्यों है?

 भगवान को चढाया हुआ भोग स्वादिष्ट क्यों है?

Click here to know more..