श्रीः पद्मा कमला मुकुन्दमहिषी लक्ष्मीस्त्रिलोकेश्वरी
मा क्षीराब्धिसुता विरिञ्चिजननी विद्या सरोजासना।
सर्वाभीष्टफलप्रदेति सततं नामानि ये द्वादश
प्रातः शुद्धतराः पठन्त्यभिमतान् सर्वान् लभन्ते शुभान्।

 

 

 

 

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

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आपके वेदधारा ग्रुप से मुझे अपार ज्ञान प्राप्त होता है, मुझे गर्व कि मैं सनातनी हूं और सनातन धर्म में ईश्वर ने मुझे भेजा है । आपके द्वारा ग्रुप में पोस्ट किए गए मंत्र और वीडियों को में प्रतिदिन देखता हूं । -Dr Manoj Kumar Saini

वेदधारा की धर्मार्थ गतिविधियों का हिस्सा बनकर खुश हूं 😇😇😇 -प्रगति जैन

बहुत बढिया चेनल है आपका -Keshav Shaw

वेदधारा से जब से में जुड़ा हूं मुझे अपने जीवन में बहुत कुछ सीखने को मिला वेदधारा के विचारों के माध्यम से हिंदू समाज के सभी लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए। -नवेंदु चंद्र पनेरु

वेदधारा का कार्य सराहनीय है, धन्यवाद 🙏 -दिव्यांशी शर्मा

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