शनि मंगला भिरूपति विज्ञाणमः
पावर्तियमः जगतमः पिरूणावणमः
आमरिवितमः अणु अंगमः
प्रमात्मियमः सन्तमः
पिरूख्यतमः नमन नमनः
जय शनि देवमः
पूषा रेवत्यन्वेति पन्थाम्। पुष्टिपती पशुपा वाजवस्त्यौ। इमानि हव्या प्रयता जुषाणा। सुगैर्नो यानैरुपयातां यज्ञम्। क्षुद्रान्पशून्रक्षतु रेवती नः। गावो नो अश्वां अन्वेतु पूषा। अन्नं रक्षन्तौ बहुधा विरूपम्। वाजं सनुतां यजमानाय यज्ञम्। (तै.ब्रा.३.१.२)
गौ माता की पूजा सारे ३३ करोड देवताओं की पूजा के समान है। गौ पुजा करने से आयु, यश, स्वास्थ्य, धन-संपत्ति, घर, जमीन, प्रतिष्ठा, परलोक में सुख इत्यादियों की प्राप्ति होती है। गौ पूजा संतान प्राप्ति के लिए विशेष फलदायक है।