भगवान शिव में विलय हो जाने को शिव योग कहते हैं। कोई भी व्यक्ति जिसका भगवान शिव में विलय हो चुका है या इसके लिए बताये गये अभ्यास का आचरण कर रहा है, वह है शिव योगी।
बकुल (मौलसिरी) से शिव जी की पूजा केवल सायंकाल में विशिष्ट है। अन्य समय में निषिद्ध है।
नामत्रय अस्त्र पारायण - १०८ बार
अच्युताय नमः । अनन्ताय नमः । गोविन्दाय नमः ।....
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योऽसौ वज्रधरो देव आदित्यानां प्रभुर्मतः। सहस्रनयनश्चन�....
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