गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा मिट्टी की मूर्ति के द्वारा की जाती है। यह मूर्ति अस्थायी है। पूजा के बाद इसे पानी में इसलिए डुबोया जाता है ताकि वह अशुद्ध न हो जाए।
संस्कृत में शकुंत का अर्थ है पक्षी। जन्म होते ही शकुंतला को उसकी मां मेनका नदी के तट पर छोडकर चली गयी। उस समय पक्षियों ने उसकी रक्षा की थी। कण्व महर्षि को शकुंतला पक्षियों के बीच में से मिली थी। इसलिए उन्होंने उसका नाम शकुंतला रखा।