शिव पुराण के अनुसार शिव से पहले कोई नहीं था। शिव ही परब्रह्म हैं जिनसे जगत की उत्पत्ति हुई।
सबसे पहले वसुदेव, प्रजापति सुतपा थे और देवकी उनकी पत्नी पृश्नि। उस समय भगवान ने पृश्निगर्भ के रूप में उनका पुत्र बनकर जन्म लिया। उसके बाद उस दंपति का पुनर्जन्म हुआ कश्यप - अदिति के रूप में। भगवान बने उनका पुत्र वामन। तीसरा पुनर्जन्म था वसुदेव - देवकी के रूप में।
भगवान जो कुछ भी करते हैं वे सब उनकी लीलाएं हैं - कार्य नहीं
दुर्गा के सर्वव्यापी आशीर्वाद के लिए मंत्र
ॐ ऐं लूं नमः दुर्गां देवीं शरणमहं प्रपद्ये ....
Click here to know more..दिवाकर पंचक स्तोत्र
अतुल्यवीर्यंमुग्रतेजसं सुरं सुकान्तिमिन्द्रियप्रदं स....
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