स्कंद पुराण के अनुसार इल्वल और वातापी ऋषि दुर्वासा और अजमुखी के पुत्र हैं। उन्होंने अपने पिता से कहा कि वे अपनी सारी शक्ति उन्हें दे दें । दुर्वासा को क्रोध आ गया और उन्होंने श्राप दिया कि वे अगस्त्य के हाथों मर जाएंगे।
२१,८७० रथ, २१,८७० हाथी, ६५, ६१० घुड़सवार एवं १,०९,३५० पैदल सैनिकों के समूह को अक्षौहिणी कहते हैं।
समुद्र मन्थन के कुछ सूक्ष्म तत्त्व
अमृत अमरत्व इसलिए दे पाता है कि अमृत जितनी औषधीय जडी बूटि�....
Click here to know more..ब्रह्म वैवर्त पुराण
नारदजी ने कहा -भगवन्! मैं धर्मराज और सावित्री के संवाद में....
Click here to know more..केदारनाथ कवच
केयूरादिविभूषितैः करतलैरत्नाङ्कितैः सुन्दरं नानाहारव....
Click here to know more..