संस्कृत में शकुंत का अर्थ है पक्षी। जन्म होते ही शकुंतला को उसकी मां मेनका नदी के तट पर छोडकर चली गयी। उस समय पक्षियों ने उसकी रक्षा की थी। कण्व महर्षि को शकुंतला पक्षियों के बीच में से मिली थी। इसलिए उन्होंने उसका नाम शकुंतला रखा।
श्राद्ध से केवल अपने पितरों की ही संतृप्ति नहीं होती, अपितु जो व्यक्ति विधिपूर्वक अपने धनके अनुरूप श्राद्ध करता है, वह ब्रह्मा से लेकर घास तक समस्त प्राणियों को संतृप्त कर देता है। - ब्रह्मपुराण
गणेश एकाक्षर मंत्र का स्वरूप
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ॐ सोमात्मजाय विद्महे सौम्यरूपाय धीमहि| तन्नो बुधः प्रचो....
Click here to know more..विष्णु मंगल स्तव
सुमङ्गलं मङ्गलमीश्वराय ते सुमङ्गलं मङ्गलमच्युताय ते। स....
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