दुर्जनः प्रियवादीति नैतद्विश्वासकारणम् ।
मधु तिष्ठति जिह्वाग्रे हृदये तु हलाहलम् ।।
अगर कोई दुष्ट व्यक्ति मीठा मीठा बोलने लगे तो उस पर विश्वास न करें। क्योंकि उनकी जीभ के आगे शहद रहता है पर मन में तो विष ही रहता है।
आई माता सीरवी समाज की कुलदेवी है।
महर्षि दधीचि की स्मृति में ।
दुर्गा सप्तशती - अध्याय १०
ॐ ऋषिरुवाच । निशुम्भं निहतं दृष्ट्वा भ्रातरं प्राणसम्म�....
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सर्वतीर्थमयी स्वर्गे सुरासुरविवन्दिता। पापं हरतु मे गङ....
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